दुबई (ईएमएस)। अमेरिका के साथ संयुक्त अरब अमीरात ने एफ-35 लड़ाकू विमानों और ड्रोन डील को लेकर चल रही बातचीत को रद्द कर दिया है। यह सैन्य सौदा करीब 23 अरब डॉलर का था। खाड़ी देशों में अमेरिका के प्रमुख सहयोगी यूएई के साथ इस दुर्लभ विवाद से बाइडेन प्रशासन को करारा झटका लगा है। यूएई के अमेरिका स्थित दूतावास ने ऐलान किया कि वह बाइडेन प्रशासन के साथ बातचीत को रोक रहा है।
इस ऐलान के बाद भी यूएई और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के बीच अन्य मुद्दों पर इस सप्ताह बातचीत तय कार्यक्रम के मुताबिक होगी। दूतावास ने कहा कि अमेरिका आगे भी पसंदीदा रक्षा उपकरण प्रदाता बना रहेगा और भविष्य में एफ-35 लड़ाकू विमानों के लिए बातचीत फिर से शुरू हो सकती है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहने के दौरान कार्यकाल के अंतिम दिनों में 50 एफ-35 लड़ाकू विमानों को लेकर समझौता हुआ था।
इस डील के बाद यूएई ने औपचारिक रूप से इजरायल को मान्यता दे दी थी। इस बीच अमेरिका में बाइडेन प्रशासन के सत्ता में आने के बाद इस सौदे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बाइडेन प्रशासन ने यमन में यूएई और सऊदी अरब की भूमिका को देखते हुए इस डील को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इस डील के तहत 18 अत्याधुनिक ड्रोन दिए जाने थे जो हवा से हवा और हवा से जमीन तक मार करने वाली मिसाइलों से लैस थे।
यूएई ने कहा कि अमेरिका दबाव डाल रहा था कि कहां और किस परिस्थिति में एफ-35 विमान का इस्तेमाल करना है, यह वह तय करेगा। खाड़ी देश ने कहा कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनका प्रशासन इस प्रस्तावित सौदे के प्रति अभी प्रतिबद्ध बना रहेगा। साथ यूएई के साथ इस संबंध में बातचीत करता रहेगा। वहीं पेंटागन के प्रवक्ता ने जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका की अमेरिकी हथियारों को लेकर शर्तें वही हैं जो दुनिया के अन्य देशों के साथ हैं। यूएई ने हाल ही में फ्रांस के साथ राफेल विमानों को लेकर बड़ा सौदा किया है।