कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते प्रसार के बीच ही चुनाव आयोग ने समय से चुनाव कराने की दिशा में तिथियों की घोषणा तो कर दी हैं, लेकिन पूरी सतर्कता और हिदायत के साथ। घोषणा के साथ ही चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हर दल की सभाओं व रैलियों पर रोक लग गई है।
15 जनवरी को आयोग फिर से तय करेगा कि चुनाव प्रचार का तौर तरीका क्या होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने घोषणा करते हुए कहा कि पहले चरण के मतदान की शुरुआत 10 फरवरी से होगी और सात मार्च को आखिरी यानी सातवें चरण में वोट पड़ेंगे। सभी राज्यों के परिणाम 10 मार्च को आएंगे।
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सात, मणिपुर में दो और पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान होगा। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा जबकि मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। 10 मार्च को पांचों राज्यों में मतगणना होगी।
10 फरवरी को यूपी से शुरुआत
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान के साथ ही विधानसभा चुनावों की शुरुआत होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण की वोटिंग होगी। इसी दिन पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी को तीसरे और 23 फरवरी को चौथे चरण के मतदान होंगे।
27 फरवरी को उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण के तहत वोट डाले जाएंगे। इसी दिन मणिपुर के पहले चरण का मतदान होगा। तीन मार्च को उत्तर प्रदेश में छठे चरण और मणिपुर के दूसरे चरण के मतदान पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश के 7वें और अंतिम चरण के मतदान सात मार्च को होगा।
आगे स्थितियों को देखते हुए होंगे फैसले
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी कोरोना प्रोटोकाल का भी कड़ाई से सभी मतदान केंद्रों पर पालन किया जाएगा। लोगों को भीड़भाड़ से बचाने के लिए सभी राज्यों में मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है। साथ ही कोरोना के संक्रमण पर विशेषज्ञों के साथ संपर्क में है। चंद्रा ने कहा कि आगे की स्थितियों को देखते हुए जो भी कड़े निर्णय लेने होंगे वे लिए जाएंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा उस साल चार जनवरी को की गई थी।