वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के मंच से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बदलती विश्व व्यवस्था के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक जैसे वैश्विक संस्थानों में बड़े बदलाव का जोरदार आह्वान किया है। उन्होंने यह आह्वान खास तौर पर लोकतांत्रिक देशों से किया है। इसी के साथ उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों से एक समान नीति बनाने का आग्रह किया है, क्योंकि तकनीकी आधार पर किसी भी एक देश के लिए इसको लेकर नियम बनाने का कोई मतलब नहीं होगा।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों के इस सबसे बड़े मंच पर पीएम मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं की मार्केटिंग करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने मौजूदा समय को भारत में निवेश करने के लिए सबसे बेहतरीन बताया।पीएम ने सीधे तौर पर किसी संस्थान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा किस तरह की वैश्विक एजेंसियों की तरफ था, यह साफ है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्डर में बदलाव के साथ ही दुनिया के समक्ष चुनौतियां बढ़ रही हैं
। जब इन संस्थानों का गठन किया गया था तो स्थिति कुछ और थी और अब परिस्थितियां बदल गई हैं। वर्ष 2022 की शुरुआत में वैश्विक समुदाय के समक्ष इन संस्थानों में बदलाव को एक बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि हर लोकतांत्रिक देश को इसमें बदलाव के लिए अपने कर्तव्य का पालन करना होगा। नई चुनौतियों को देखते हुए नए रास्ते व नए संकल्प की जरूरत है।
पीएम ने सीधे तौर पर किसी संस्थान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा किस तरह की वैश्विक एजेंसियों की तरफ था, यह साफ है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्डर में बदलाव के साथ ही दुनिया के समक्ष चुनौतियां बढ़ रही हैं। जब इन संस्थानों का गठन किया गया था तो स्थिति कुछ और थी और अब परिस्थितियां बदल गई हैं।
वर्ष 2022 की शुरुआत में वैश्विक समुदाय के समक्ष इन संस्थानों में बदलाव को एक बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि हर लोकतांत्रिक देश को इसमें बदलाव के लिए अपने कर्तव्य का पालन करना होगा। नई चुनौतियों को देखते हुए नए रास्ते व नए संकल्प की जरूरत है।