बिहार में महागठबंधन की जन विश्वास महारैली में शामिल दलों ने लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बेदखल करने का संकल्प लिया। पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित इस महारैली को संबोधित करने वाले नेताओं ने संकेत दिया कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष का मुख्य मुद्दा बेरोजगारी होगा। इसके अलावा महंगाई, आर्थिक विषमता, सामाजिक अन्याय जैसे विषय भी विपक्ष के मुद्दे में शामिल होंगे।महारैली में राजग, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा माले और समाजवादी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए। झामुमो की ओर से झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन के आने की चर्चा थी, लेकिन वह नहीं आए।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मंडल आयोग की अनुशंसाओं को याद दिलाते हुए सामाजिक न्याय की धारा के साथ गोलबंदी की अपील की। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में हम सब भाजपा को नेस्तनाबूद कर देंगे। उन्होंने भीड़ से हाथ उठवा कर नरेन्द्र मोदी को केंद्र की सत्ता से हटाने का संकल्प दिलाया।लालू ने भीड़ को बताया कि महागठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव के कारण ही लाखों लोगों को सरकारी नौकरियां मिलीं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राजनीति की नब्ज का केंद्र-¨बदु बिहार है। देश में बदलाव होता है, उससे पहले बिहार में तूफान उठता है, जो दूसरे प्रदेशों तक फैल जाता है।
लालू ने कहा कि महागठबंधन क्या है, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान। आर्थिक-सामाजिक न्याय की दुहाई देते उन्होंने एक बार फिर जाति आधारित जनगणना को देश के लिए आवश्यक बताया और अग्निवीर योजना को युवाओं के विरुद्ध।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। हर एक को काला धन में 15 लाख रुपये की हिस्सेदारी का वादा किया था। बाद के दिनों में सबको पक्का मकान और किसानों की आय दोगुनी करने का भरोसा दिया था।